बीएएमएस(BAMS) का मतलब होता है, बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी।
बीएएमएस यानी बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी एक ऐसा कोर्स होता है, जिसमें आप विज्ञान विषय के साथ कक्षा 12 पूरा करने के बाद इसकी पढ़ाई कर सकते हैं।
यह मुख्य और लोकप्रिय रूप से आयुर्वेद का कोर्स है, जिसका संबंध चिकित्सा की पारंपरिक कला पर आधारित है।
आप इस कोर्स के माध्यम से स्नातक की उपाधि प्राप्त करते हैं, जिसकी अवधि साढ़े पाँच साल की होती है।
जिसमें पूर्ण तरीके से 4.5 साल का मेडिसिन कोर्स और 1 साल का इंटर्नशिप है।
यह बिल्कुल आवश्यक है कि इस पाठ्यक्रम में प्रवेश करने के लिए आपके न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं कक्षा की होनी चाहिए।
इससे भी एक महत्वपूर्ण बात जो आपको जानी जरूरी है कि 12वीं कक्षा से पास करने के बाद एक छात्र को संबंधित मेडिकल कॉलेज में दाखिल होने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर (Bachelor of ayurvedic and surgery) प्रवेश परीक्षा को पास करना अनिवार्य है।
इस एंट्रन्स इग्ज़ैम को NEET– National Eligibility cum Entrance Test (नैशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रन्स टेस्ट) कहते है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की आयुर्वेद को चिकित्सा की सबसे पुरानी प्रणालियों में से एक माना जाता है,
जिसकी जड़ें वैदिक काल से जुड़ी हुई है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा सदियों से चली आ रही एक ऐसी प्रणाली मानी जाती है, जो न केवल आपकी बीमारी को ठीक करता है, बल्कि इसे रोकने में भी काफी कारगर साबित होता है।
इस बात को आज कोई नहीं नकार सकता कि पुराने समय में और आज के समय में अगर देखा जाए तो आयुर्वेद की महत्व बढ़ गई है।
जिसके लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर की काफ़ी डिमांड हो गयी है
एक समय ऐसा भी था, जब हमारे देश में आयुर्वेदिक डॉक्टर की मांग काफ़ी घट गई थी।
पर जैसे जैसे अंग्रेजी दवाइयों के दुष्प्रभाव नजर आने लगे , लोगों का ध्यान और विश्वसनीयता आयुर्वेद की ओर बढ़ने लगी है।
आज वर्तमान समय में आयुर्वेदिक डॉक्टर की मांग तेजी से बढ़ती नजर आ रही है।
इसलिए कोई भी विद्यार्थि या व्यक्ति आसानी से एक आयुर्वेदिक डॉक्टर के तौर पर अपना कैरियर बना सकता है,
पर असल मायने में देखा जाए तो आयुर्वेद का प्रमुख मकसद अच्छे स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करना होता है न कि रोगों का इलाज करना।
जहां हम और आप अपने आसपास यह देखते हैं कि जिन्हें किसी तरह का कोई रोग नहीं है, वे भी आयुर्वेद उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं ताकि वह एक सही स्वास्थ्य पा सके।
और कोई भी बीमारी उनके आस पास भी ना आ सके।
यही कारण है कि दिन प्रतिदिन एक बार फिर से आयुर्वेदिक डॉक्टर का स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान बढ़ता जा रहा है।
आपको एक आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए 12वीं कक्षा में फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी विषयों में से कम से कम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए तभी आप इसके लिए आगे अप्लाई कर सकते हैं।
तो आयुर्वेदिक डॉक्टर वह डॉक्टर है, तो आयुर्वेदिक विधियों से एक मरीज़ का इलग करता है, या किसी व्यक्ति को ऐसे सलाह या आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट्स प्रयोग करने को बढ़ावा देता है, जिससे वह बीमार ही ना पड़े।
बीएएमएस कोर्स में एडमिशन के लिए आपको कुछ प्रमुख बातों का ध्यान रखना होता है
सबसे मुख्य बात जो ध्यान देने योग्य है कि विद्यार्थी को 12वीं कक्षा मेडिकल साइंस के साथ पास करना जरूरी है, जिसमें आपको 50% से अधिक अंक लाना अनिवार्य है।
वहीं अगर उम्र की बात की जाए, तो इसके लिए न्यूनतम 17 साल की आयु सीमा रखी गई है।
आपको प्रवेश के लिए इसकी कुछ मुख्य परीक्षाओं में सफल होना पड़ता है, जिसमें ऑल इंडिया एंटरेंस एग्जाम की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती है।
जिसे NEET कहा जाता है।
BAMS- Bachelor of ayurvedic and surgery के लिए जो प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है, उस परीक्षा का पाठ्यक्रम कक्षा 12 वीं पर आधारित होता है।
अगर आप बीएमएस कोर्स में इंटरेस्टेड हैं और इंडिया के किसी कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं ,
तो आपको नीट, नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट देना और उसमें अच्छा इसको करना जरूरी होता है ।
वैसे तो देखा गया है कि जो लोग नीट में अच्छा स्कोर करते हैं वह एमबीबीएस कोर्स के लिए चले जाते हैं
तो थोड़ा कम स्कोर नीट में होने के बावजूद आप बीएमएस कोर्स में एडमिशन की उम्मीद कर सकते हैं।
NEET एग्जाम के बाद आपको काउंसलिंग की प्रक्रिया से गुज़रनी होती है जिसके बाद आपको आपके स्कोर के अनुसार कॉलेज दिया जाता है।
जी हां, बीएएमएस कोर्स में एडमिशन के लिए नीट जरूरी है।
अगर आप बीएएमएस कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो नीट एग्जाम में अच्छा स्कोर करना जरूरी है ।
क्योंकि आजकल बीएएमएस कोर्स का बहुत डिमांड है, और बहुत सारे बच्चे इस कोर्स को ज्वाइन करना चाहते हैं।
तो जरूरी है कि आप नीट में कट ऑफ मार्क से ऊपर स्कोर करें।
साढे़ 5 साल का लंबा बैचलर डिग्री कोर्स में आपको साढे 4 साल के शैक्षिक सत्र को 1.5 के 94">3 पेशेवर पाठ्यक्रम में बांटा जाता है।
जहां आपको पहले साल पेशेवर पाठ्यक्रम में छात्रों को आयुर्वेदिक प्रणाली को इतिहास आयुर्वेद के मूल , सिद्धांत, और शरीर क्रिया विज्ञान से जुड़ी बातों से रूबरू कराया जाता है।
वही दूसरे पार्ट के दौरान व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में छात्रों को इन निम्न विषयों के बारे में बताया जाता है।
अब तीसरी और आखिरी व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में छात्रों को थोड़ी ज्यादा आधुनिक चिकित्सा से रू-ब-रू करवाया जाता है।
BAMS का मतलब बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिकल मेडिसिन एंड सर्जरी है।
वही एमबीबीएस का मतलब बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी है।
जहां नाम से ही पता चल जाता है कि दोनों अपने आप में एक अलग डिग्री है
पर देखा जाए तो आमतौर पर लोग दोनों को एक रूप में मानते हैं। दोनो डिग्री होल्डर को डॉक्टर ही बुलाते है।
जानकारी दे दे कि आप BAMS में चिकित्सा क्षेत्र में डिग्री प्राप्त करते हैं, जो आयुर्वेद की परंपरा को निखारता है।
वही एमबीबीएस एक चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रम है जो लोगों को अंग्रेज़ी पद्धति से डॉक्टर बनने का मार्ग देती है।
तो देखा जाए तो BAMS और MBBS काफ़ी हद तक एक भी है, की दोनो कोर्स करके आप डॉक्टर बनते है, और किसी भी मरीज़ का इलाज करने के लिए अधिकृत हो जाते है।
लेकिन जहां आप MBBS करने के बाद हर तरह के रोग का इलाज कर सकते है, वही BAMS के बाद आप आयुर्वेदिक पद्धति के इलाज करने के लिए अधिकृत होते है।
अगर आप आयुर्वेद के क्षेत्र में दिलचस्पी रखते हैं तो आप इस कोर्स को कर सकते हैं और इसके बाद आपके पास कई अच्छे करियर ऑप्शंस होते हैं, जैसे की –
#1. राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, बेंगलुरु
इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1996 में हुई, जो मुख्य रूप से कर्नाटक सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
इस विश्वविद्यालय से 680 कॉलेज संबद्ध है जहां आप आयुर्वेद से जुड़ी पाठ्यक्रम BAMS- Bachelor of ayurvedic and surgery,MS और MD की पेशकश की जाती है।
#2. जेबी रोए राजकीय मेडिकल कॉलेज, कोलकाता
यह भारत में सबसे पुराने आयुर्वेदिक कॉलेजों में से एक है जिसके 60 कॉलेजों कि सेवा क्षमता के साथ आप यहां से बैचलर की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
यह पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
#94">3. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, कोल्हापुर
यह कॉलेज महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस नासिक से संबद्ध है, जिसकी स्थापना 1989 में हुई।
यह अपनी सुविधाओं और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए काफी प्रचलित माना जाता है।
#4. श्री आयुर्वेद महाविद्यालय, नागपुर
यह काफी जाना माना कॉलेज है जिसकी स्थापना 19594">3 में हुई थी। यह कॉलेज महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस नासिक से संबद्ध है स्नातक में यहां 194">3 विषयों की पेशकश की जाती है।।
#5. दयानंद आयुर्वैदिक कॉलेज, जलंधर
इसकी स्थापना साल 1989 में लाहौर में महात्मा हंस द्वारा की गई। जहां 1947 में विभाजन के बाद इसे अमृतसर में स्थापित किया गया। यह कॉलेज पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
#6. राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर
इसकी शुरुआत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 1976 में की गई जो मुख्य रूप से टीचिंग, ट्रेनिंग और रिसर्च के लिए माना जाता है।
#7. भारती विद्यापीठ, पुणे
इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तर पर जाना जाता है।यह पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।
यह भारत के कुछ संस्थानों में से एक है जो सभी 14 विभागों में पोस्ट ग्रेजुएट, कोर्ट पेशकश करता है।
#8. राजीव गांधी सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज, कांगड़ा
इस सरकारी कॉलेज की स्थापना साल 1966 में की गई थी, जो आपको BAMS और MD पाठ्यक्रम प्रदान कराता है।
#9. गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर
यह एक ऐसी संस्था है, जो पूरी तरह से गुजरात सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
आप यहां पर औषधीय पौधों में पीएचडी बीएएमएस, एम डी, डी फार्मा, बी फार्मा और पीजी डिप्लोमा भी कर सकते हैं।
#10. राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, लखनऊ
इसका कॉलेज और अस्पताल दोनों ही लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
यह कॉलेज 50 की सेवा क्षमता के साथ अपनी गुणवत्ता की शिक्षा के लिए जाना जाता है।
दोस्तों उम्मीद है की इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बीएएमएस फुल फॉर्म के बारे में एक संक्षिप्त मगर महत्वपूर्ण जानकारी मिल पाया।
अगर आपकी तरफ से कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेंट करके बताएं
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