BPO (बीपीओ) का मतलब या फुल फॉर्म Business Process Outsourcing (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) होता है
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग का मतलब होता है किसी बिजनेस के एक खास टास्क या पार्ट को किसी थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर को कॉन्ट्रैक्ट पर देना।
बीपीओ यानी बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग किसी भी बिजनेस को सही ढंग से चलाने, और आगे ले जाने में काफी मददगार साबित होता है।
क्योंकि इस सर्विस का प्रयोग कर कोई बिजनेसमैन अपने बिजनेस के मूल काम पर पूरा ध्यान दे सकता है, और बिजनेस के दूसरे कम जरूरी भाग को किसी थर्ड पार्टी को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर दे सकता है, जिससे उसका पूरा काम बहुत आसानी से हो जाता है।
उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि कोई एक सॉफ्टवेयर की कंपनी है जिसका काम सॉफ्टवेयर बनाना, maintenance करना और बेचना है।
इस कंपनी के पास कुल 500 कर्मचारी हैं, और अब इसे जरूरत है, अपने कस्टमर्स को टेक्निकल सपोर्ट देने के लिए एक कॉल सेंटर की जहां 50 लोग फोन पर कस्टमर्स के प्रॉब्लम का समाधान कर सके।
इसके लिए कंपनी के पास दो ऑप्शन है, या तो वह खुद का स्पेस तैयार करें ,और लोगों को हायर कर उनसे कॉल सेंटर का काम करवाएं, या फिर किसी कॉल सेंटर एक्सपर्ट कंपनी को अपना कॉल सेंटर का काम कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर आउट सोर्स कर दें।
यहां आप देख सकते हैं कि उस सॉफ्टवेयर कंपनी का ऑफिस बनाने का खर्च, इंप्लॉय हायर करने का खर्च और उनको ट्रेनिंग देने का खर्च, सब कुछ बच जाता है, और बहुत कम पैसे में उनका कॉल सेंटर का काम कोई और एजेंसी शुरू कर देती है।
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग किसी भी कंपनी के लिए समय और पैसा दोनों बचा सकती है।
कई लोग बीपीओ को कॉल सेंटर मानते हैं, जबकि ऐसा नहीं है
कई सेवाएं बीपीओ के तहत आ सकती हैं, जिनमें से कई तकनीकी भी हैं।
आज, दुनिया भर की कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी कई सेवाओं को आउटसोर्स करती हैं।
भारत में BPO कंपनियों को आउटसोर्सिंग का एक बड़ा हिस्सा मिलता है।
भारत में कई बीपीओ कंपनियां हैं और डॉलर के मुकाबले रुपये के बहुत कम मूल्य के कारण, विदेशी कंपनियों को भारत में अपने व्यापार को आउटसोर्स करने के लिए बहुत सस्ता लगता है।
और यह भारत में बीपीओ कंपनियों के लिए भी एक अच्छा अवसर है क्योंकि भारत में कई युवा अध्ययन के बाद नौकरी की तलाश में हैं और उनके लिए बीपीओ में नौकरी पाना थोड़ा आसान है।
अकेले भारत में, 5 मिलियन से अधिक लोग बीपीओ उद्योग में काम करते हैं।
बीपीओ की दो श्रेणियां हैं, जिनके उपयोग से कोई व्यवसाय अपनी गैर-प्रमुख गतिविधियों को तीसरे पक्ष को स्थानांतरित कर सकता है।
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग की इस प्रक्रिया में आंतरिक व्यावसायिक कार्य शामिल हैं।
इस प्रकार के प्रसंस्करण के लिए कई कार्यों को संभालने के लिए तीसरे पक्ष के कर्मचारियों में विशिष्ट तकनीकी कौशल की आवश्यकता होती है।
कुछ प्रमुख कार्य हैं-
2. फ्रंट ऑफिस आउटसोर्सिंग
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग की इस प्रक्रिया में व्यावसायिक कार्य शामिल हैं, जो ग्राहक संबंधी कार्य हैं।
यहां तीसरे पक्ष के कर्मचारियों को सामान्य संचार कौशल और विशिष्ट तकनीकी कौशल की आवश्यकता नहीं होती है।
कई बार लोग ऐसे आउटसोर्सिंग को कॉल सेंटर के रूप में भी परिभाषित करते हैं।
कुछ प्रमुख कार्य हैं-
बहुत सारे लोगों में ऐसी गलतफहमी है कि कोई भी बीपीओ क्षेत्र की नौकरी में शामिल हो सकता है।
जबकि सच्चाई यह है कि आपको अलग-अलग बीपीओ प्रोफाइल के लिए अलग कौशल की आवश्यकता होती है।
बीपीओ जॉब्स के लिए न्यूनतम योग्यता-
बैक ऑफिस के लिए- विशिष्ट क्षेत्र में न्यूनतम स्नातक
फ्रंट ऑफिस के लिए- किसी भी स्ट्रीम से न्यूनतम 12 वीं या इंटरमीडिएट
BPO जॉब्स के लिए आवश्यक बुनियादी कौशल-
कंपनी और BPO कंपनी दोनों के लिए बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग बहुत फायदेमंद है। कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं-
बीपीओ- बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग- बिजनेस में
बीपीओ- ब्रोकर प्राइस ओपिनियन- शेयर बाजार में
बीपीओ- बैंकर्स पे-ऑर्डर- बैंकिंग में
ऐसे ही फुल फॉर्म –
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