TCS (टीसीएस) एक प्रसिद्ध नाम है जिसमें कई प्रसिद्ध पूर्ण रूप या फुल फॉर्म है ।
यहाँ हम TCS के दो बहुत प्रसिद्ध पूर्ण रूपों या फ़ुल फ़ॉर्म पर चर्चा करने जा रहे हैं।
पहला फुल फॉर्म आईटी क्षेत्र में है- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज
और दूसरा फुल फॉर्म income टैक्स के क्षेत्र में है, टैक्स कलेक्शन at सोर्स
टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी कंपनी है।
टाटा समूह की इस कंपनी का हेड ऑफिस मुंबई में है, और दुनिया के 46 शहरों में इसके 149 ऑफिस हैं।
टीसीएस यानी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज आज दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनीज में शामिल है, और 2015 के फॉर्ब्स रैंकिंग के अनुसार इसे दुनिया की 64 वी सबसे बेहतरीन कंपनी माना गया है।
टीसीए दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनीज में से एक है।
टीसीएस की शुरुआत 1968 में, कंसलटेंसी से रिलेटेड काम के साथ हुई थी।
शुरुआत में यह कंपनी टाटा स्टील के लिए कंसलटिंग का काम करती थी
1980 से टीसीएस ने सॉफ्टवेयर के फील्ड में काम करना शुरू किया।
जैसा कि TCS एक सॉफ्टवेयर और सेवा प्रदाता कंपनी है, यह अपने ग्राहकों के लिए अलग सॉफ्टवेयर विकसित करती है।
आज दुनिया की कोई भी बड़ी कंपनी, किसी भी फील्ड की हो, उसे अपनी कंपनी और काम को सही ढंग से चलाने के लिए कई सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है।
इन्हीं दुनिया भर की बड़ी कंपनियों के लिए सॉफ्टवेयर बनाने और उनके कंपनी को सही ढंग से चलाने का काम टीसीएस करती है।
जैसे कि एसबीआई का बैंकिंग का पूरा सॉफ्टवेयर TCS ने बनाया है।
जिसके कारण बैंक कर्मचारी आसानी से लोगों को सर्विस दे पाते है, और एक आम यूज़र भी एसबीआई के बैंकिंग application से आसानी से घर बैठे बैंकिंग का लाभ ले पता है।
इसके अलावा टीसीएस आज बहुत सारे संस्थाओं के लिए एग्जाम कंडक्ट करती है।
आज इंडिया के बहुत सारे पासपोर्ट ऑफिस को टीसीएस ही चला रही है।
TCS दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियों के लिए काम करती है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –
TCS (टीसीएस) हर साल हजारों युवाओं को नौकरी देती है, चुकी यह सॉफ्टवेयर और सर्विसेस कंपनी है, तो कंप्यूटर और आईटी सेक्टर के फील्ड में पढ़ाई करने वाले लोगों के लिए इस कंपनी में नौकरी के ज़्यादा चांसेस होते हैं।
कंपनी बहुत सारे अच्छे इंस्टीट्यूशंस में प्लेसमेंट ड्राइव चलाती है, जहां से एक साथ हजारों छात्र सेलेक्ट होकर आते हैं।
इसके अलावा कंपनी अपने रिक्वायरमेंट के अनुसार नोटिफिकेशन भी जारी करती है।
आमतौर पर यह कंपनी शुरुआती सैलरी 300000 प्रति वर्ष के करीब देती है लेकिन एक्सपीरियंस के साथ लोगों को बहुत अच्छा पैकेज मिलना शुरू हो जाता है।
भारत में कुछ वस्तुएं हैं जिन्हें जीएसटी से बाहर रखा गया है।
जब इन वस्तुओं को खरीदा और बेचा जाता है, तो खरीदार को विक्रेता को कुछ कर का भुगतान करना पड़ता है, जिसे स्रोत पर कर संग्रह कहा जाता है।
भारत के इनकम टैक्स एक्ट 206c के अनुसार कुछ ऐसे सामान है, जिसे बेचने वाले को टैक्स कलेक्ट करने का अधिकार होता है।
इनमें से अधिकांश वस्तुओं का व्यापार एक आम आदमी को प्रभावित नहीं करता है।
कुछ आइटम और उन पर लागू कर इस प्रकार है-
आइटम | कर |
मानव उपभोग के लिए शराब | 1% |
लौह अयस्क और कोयला जैसे खनिज | 1% |
पार्किंग लॉट और टोल प्लाजा | 1% |
जंगल पट्टे के तहत लकड़ी | 2.5% |
रद्दी माल | 1% |
टीसीएस- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज
TCS- टैक्स कलेक्टेड अट सोर्स
TCS- ट्रांजैक्शन कंट्रोल सिस्टम
TCS- टेलीविजन कॉरपोरेशन ऑफ सिंगापुर
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